Leena Malhotra: A Mother, A Poet
- nupur maskara
- Apr 15, 2024
- 3 min read

“If a creative writer is Devki, then a translator is Yashoda,” quips Malhotra.
In 'Ek Maa Ki Prarthana,' I liked her conceit of praying to many gods to keep her daughter safe. After all, we have 33 crore gods, so naturally this clever mother is putting them to work! Somehow this sounds better in the original, perhaps because I know Hindi. Its simplicity shines through. There's a translation here, but the words don't sound natural. Here's the original -
प्यार होगा तो दर्द भी होगा
सफ़र
तो रुकावटें
साथी
तो यादें
उड़ान
तो थकान
सपने होंगे तो सच से दूरियाँ होंगी
मेरी बेटी
तुम्हारे नए सफ़र की शुरुआत में
क्या शिक्षा दूँ तुम्हें
प्यार मत करना—दर्द मिलेगा
सफ़र मत करना—काँटे होंगे
साथी मत चुनना—कड़वी यादें दुख देंगी
उड़ान मत भरना—थक जाओगी
मेरे ये डर कहीं तुम्हारे संकल्प को छोटा न कर दें
इसलिए
प्रार्थना में मैंने आँखें मूँद ली हैं
आह्वान किया है सब देवी-देवताओं का
हे बाधाओं के देवता
मैं तुम्हें बता दूँ
कि वह बहुत से खेल इसलिए नहीं खेलती कि हारने से डरती है
तुम ध्यान रखना कि
कोई बाधा इतनी बड़ी न हो
जो उसके जीतने के हौसले को पस्त कर दे
तुम उसे सिर्फ़ इतनी ही मसीबतें देना
जिन्हें पार करके
वह विजयी महसूस करे
और
उसकी यह उपलब्धि
उसके सफ़र में एक नया उत्साह भर दे
हे सपनों के देवता
वह बहुत महँगे सपने देखती है
उसके सपनों में तुम सच्चाई का रंग
भरते रहना
ताकि
जब वह अपने सपनों की नींद से जगे
तो सच उसे सपने जैसा ही लगे
हे सच्चाई के देवता
हर सच का कड़वा होना ज़रूरी नहीं है
इसलिए मेरी प्रार्थना स्वीकार करना
उसके जीवन के सच में
कड़वाहट मत घोलना
हे प्रेम के देवता
मैं तुम्हें आगाह कर दूँ
कि
वह तुम्हें साधारण साधकों की तरह नहीं है
जो शब्दों के आदान-प्रदान के प्रेम से संतुष्ट हो जाए
वह असाधारण प्रतिभाओं की स्वामिनी है
वह जिसे चाहेगी टूटकर चाहेगी
और समय का मापदंड उसके प्रेम की कसौटी कभी नहीं हो सकता
पल दो पल में
वह पूरी उम्र जीने की क्षमता रखती है
और
चार क़दम का साथ काफ़ी है
उसकी तमाम उम्र के सफ़र के लिए
इसलिए
अपने लोक के
सबसे असाधारण प्रेमी को बचाकर रखना
जो शब्दों में नहीं
बल्कि अपनी नज़रों से लग्न मंत्र कहने की क्षमता रखता हो
और
जो उसके टूट के चाहने के लायक़ हो
हे जल के स्वामी
उसके भीतर एक विरहिणी छिपी सो रही है
जब रिक्तता उसके जीवन को घेर ले
और
वह अभिशप्त प्रेमी जिसे उसे धोखा देने का श्राप मिला है
जब उसे अकेला छोड़ दे
उस घड़ी
तुम अपने जल का सारा प्रवाह मोड़ लेना
वरना तुम्हारा क्षीर-सागर
उसके आँसुओं में बह जाएगा
और तुम ख़ाली पड़े रहोगे
बाद में मत कहना कि मैंने तुम्हें बताया नहीं
हे दंड के अधिपति
तुम्हें शायद
कई-कई बार
उसके लिए निर्णय लेना पड़े।
क्योंकि वह काफ़ी बार ग़लती करती है
लेकिन मैं तुम्हें चेता दूँ कि बहुत कठोर मत बने रहना
क्योंकि तुम्हारा कोई भी कठोर दंड
उसके लिए एक चुनौती ही बन जाएगा
तुम्हारे दंड की सार्थकता
अगर इसी में है
कि
उसे
उसकी ग़लती का एहसास हो तो
तो थोड़े कोमल बने रहना
एक मौन दृष्टि
और
एक पल का विराम काफ़ी है
उसे उसकी ग़लती का बोध कराने के लिए।
हे घृणा के देवता
तुम तो छूट ही जाना
पीछे रह जाना
इस सफ़र में उसके साथ मत जाना
मैं नहीं चाहती
कि किसी से बदला लेने की ख़ातिर
वह
अपने जीवन के क़ीमती वर्ष नष्ट कर दे
हे जगत की अधिष्ठात्री माता
तुम्हारी ज़रूरत मुझे उस समय पड़ेगी
जब वह थकने लगे
और उसे लगने लगे कि यह रास्ता अब कभी ख़त्म नहीं होगा
उसके क़दम जब वापसी की राह पर मुड़ जाएँ
और वह थककर लौट आना चाहे
उस समय
तुम अपनी जादुई शक्तियों से
दिशाओं को विपरीत कर देना
और अपने सारे जगत की चिंता-फ़िक्र छोड़कर
मेरा रूप धारण कर लेना
और उसे अपने आँचल में दुबकाकर
उसकी सारी थकान सोख लेना बस इतना ही नहीं
उसकी पूरी कहानी सुनना
चाहे वह कितनी ही लंबी क्यों न हो
और हाँ!
उसकी ग़लतियों पर मुस्कुराना मत
वरना वह बुरा मान जाएगी
और
तुम्हें
कुछ नहीं बताएगी
जब उसकी आँखों में तुम्हें एक आकाश दिखने लगे
और होंठ मौन धारण कर लें
और उसकी एकाग्रता उसे एकाकी कर दे
तब तुम समझ जाना कि
वह लक्ष्य में तल्लीन होकर चलने के लिए तत्पर है
तब तुम चुपचाप चली आना
मैं जानती हूँ कि वह
अब तब तक चलेगी जब तक उसकी मंज़िल उसे मिल नहीं जाती
जाओ बेटी,
अब तुम अपना सफ़र प्रारंभ कर सकती हो
तुम्हारी यात्रा शुभ हो
शुभ हो
शुभ हो।
I'm participating in #BlogchatterA2Z.





What a beautiful poem 😍 My favorite lines were "क्योंकि वह काफ़ी बार ग़लती करती है
लेकिन मैं तुम्हें चेता दूँ कि बहुत कठोर मत बने रहना
क्योंकि तुम्हारा कोई भी कठोर दंड
उसके लिए एक चुनौती ही बन जाएगा"